चतुर्भुज दास वाक्य
उच्चारण: [ cheturebhuj daas ]
उदाहरण वाक्य
- चतुर्भुज दास जी के कुछ पद
- गावें गीत रसाल॥३॥ चतुर्भुज दास जी जगाने के पद नित्य सेवा राग विभास राग
- इनके अतिरिक्त गोरखपुर निवासी पुरूषोत्तमदास रईस तथा श्री चतुर्भुज दास आदि की भी जमींदारियां रही हैं।
- इनके अतिरिक्त गोरखपुर निवासी पुरूषोत्तमदास रईस तथा श्री चतुर्भुज दास आदि की भी जमींदारियां रही हैं।
- इनके अतिरिक्त गोरखपुर निवासी पुरूषोत्तमदास रईस तथा श्री चतुर्भुज दास आदि की भी जमींदारियां रही हैं।
- चतुर्भुज दास मुदित सहचारी, फूले लाल गोवर्धन धारी ॥३॥ फूलन की मंडली मनोहर बैठे राग: सारंग फूलन की मंडली मनोहर
- जयदेव, सूरदास, चतुर्भुज दास, स्वामी हरिदास, कुम्हन दास, नंदास, हरिराम व्यास एवं परमानंद आदि ने रासलीला को मजबूत धरातल प्रदान किया।
- यह लीलाएं आज भी संत समाज के सहयोग से चिकसोंली के फत्ते स्वामी के वंशज बालकों के द्वारा बाबा चतुर्भुज दास पुजारी के निर्देशन में की जाती हैं।
- इसके अतिरिक्त परमानंद दास, कृष्णदास गोविंद स्वामी, छीतस्वामी व चतुर्भुज दास आदि भी अष्टछाप कवियों में आते हैं किंतु कवित्व की दृष्टि से सूरदास सबसे ऊपर हैं।
- चतुर्भुज दास ने कहा है-वहां शीतल, मंद, सुगन्धित पवन प्रवाहित होती है, सुन्दर झरना झरते हैं, समस्त ॠतुओं में खिलने वाले सुन्दर पुष्प और फल विधमान रहते हैं।
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